Shodashi Secrets
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Tripura Sundari's sort is not merely a visual representation but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by means of symbols to comprehend deeper cosmic truths.
This classification highlights her benevolent and nurturing aspects, contrasting While using the intense and mild-fierce natured goddesses inside the team.
सौवर्णे शैलशृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः
Generally known as the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees towards clarity, Perception, and better know-how. Chanting her mantra boosts intuition, helping people make smart selections and align with their interior reality. This profit nurtures a lifetime of integrity and intent.
The worship of Tripura Sundari is actually a journey to self-realization, where her divine elegance serves like a beacon, guiding devotees to the ultimate fact.
The worship of Goddess Lalita is intricately linked Along with the pursuit of each worldly pleasures and spiritual emancipation.
Shodashi also signifies sixteen and the belief is the fact that for the age of sixteen the Actual physical body of the individual attains perfection. Deterioration sets in after sixteen more info many years.